हमारी वाणी

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Saturday, 14 January 2012

जिंदगी के पन्ने......

जिंदगी के पन्ने आज फिर उलट डाले 
फिर आज बड़े तीखे उसमे मसाले डाले 
खट्टे मीठे सारे सपने उधेड़ डाले ........

रुकी हवाओं को आज फिर उड़ाना है 
पंख लगा साथ उनके लौट जाना है 
बचपन तुझे फिर आज गले लगाना है ......

तन सा गया था ठुठ बन सा गया था
उसपे झरना प्यार का फिर से बहाना है
चंचल शोख बेफिक्र दिल को जगाना है ....

पकड़ हाथ आज फिर... ले देख
जिंदगी तुझे जिंदगी से आज फिर मिलाना है ...

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