भाव दिल का अब कैसे तुमको बतलाएं
"सच के दर्द" दिल के किसे दिखलाये
पोध सच उम्मीद की तो लगा रखी है
अर्थ शूल सा उनका कैसे तुमको दिखलाये
निष्पक्ष दिशा में छोड़ने की बात तो बस बात है
दिल में लगे गोतों को कैसे आज हम बिठ्लाएं
भाव इस दिल का विनय कैसे हम तुमको बतलाएं .............
विनय ......
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